श्री सूर्य चालीसा

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">श्री सूर्य चालीसाIIआरती श्री सूर्यदेव जी की II
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श्री सूर्य चालीसा ॥दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर , मुक्ता माला अङ्ग । पद्मासन स्थित ध्याइये , शंख चक्र के सङ्ग । ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर , सहस्रांशु ! सप्ताश्व तिमिरहर । भानु ! पतंग ! मरीची ! भास्कर ! सविता ! हंस सुनूर विभाकर[…]

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